आचार्य चाणक्य के बारे में कुछ ऐसे पहलु जिन्हें आपने पहले कभी नही सुना होगा..

महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य का जन्म ईसा पूर्व इसरी या चौथी शताब्दी में हुआ था. आचार्य चाणक्य जीवन दर्शन के ज्ञाता थे. उन्होंने जीवन में जो अनुभव प्राप्त किए और जिन नियमों का निर्माण किया, उन्हीं का उपदेश देकर वे इतिहास में अमर हो गए. आचार्य चाणक्य को कोटिल्य भी कहा जाता था. चाणक्य के बारे में कहा जाता है कि वे बड़े ही स्वाभिमानी एवं क्रोधी स्वभाव के व्यक्ति था. धर्मग्रन्थो के अनुसार एक बार मगध के राजा महानंद ने श्राद्ध के अवसर पर कौटिल्य को अपमानित किया था. कौटिल्य ने क्रोध के वशीभूत होकर अपनी शिखा खोलकर यह प्रतिज्ञा की थी कि जब तक वह नंदवंश का नाश नहीं कर देगा. चाणक्य की नीतियों के बारे में तो अधिकतर लोग जानते हें, लेकिन उनके जीवन से जुड़े कुछ पहलू हैं, जिनके बारे में बहुत कम ही लोगों को पता है.

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आइए हम आपको बताते है आचार्य चाणक्य से जुड़े कुछ रोचक तथ्य…

1. जब चाणक्य का जन्म हुआ था तो जन्म से ही उनके मुंह में एक दांत था. कुछ दिन बाद उनके घर जैन मुनि पहुंचे आये थे. जिन्होंने वो दांत देखकर कहा था, ये लड़का राजा बनेगा.

2. जैन मुनि की बात सुनकर जब उनके माता-पिता घबरा गए और कहा कि वे चाहते है कि उनका पुत्र जैन मुनि या आचार्य बने तो मुनि ने कहा इसका ये दांत निकाल दीजिये तो ये राजा का निर्माता बनेगा अर्थात गुरु बनेगा.

3. आचार्य चाणक्य को इतिहास में दो और नामों विष्णु और कौटिल्य से भी जाना जाता है. विद्वानों का मानना है विष्णुगुप्त उनका मूल नाम था.

4. आचर्य चाणक्य के जन्म स्थान के बारे में प्राचीन जैन ग्रन्थ परिशिष्ट पर्व के अनुसार गोल्य नाम के जनपद में हुआ था. उनके पिता का नाम चणक व माता का नाम चणेश्वरी था.

5. कौटिल्य वो पहले विचारक थे, जिन्होंने ये कहा कि राज्य अपना विधान यानी संविधान खुद बनाए. आज से लगभग 2300 वर्ष पहले संविधान का ये पहला विचार कौटिल्य का था. तब कही और इसकी कल्पना भी नहीं की गई थी.

6. चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को उसके मामा से धन देकर खरीदा था, क्योंकि उसका मामा उससे काम करवाता था और बिना धन दिए उसे छोड़ने को तैयार नहीं था.

7. कौटिल्य के उपर बिंदुसार की माता की हत्या का झूठा आरोप लगने पर उन्होंने आहत होकर अपने पद को छोड़ दिया था. जो आरोप बाद में गलत साबित हुआ.

8. चाणक्य ने उस समय अपनी पढ़ाई पाटलिपुत्र से दूर तक्षशिला विश्वविद्यालय में की जो आज अफगानिस्तान में है. जो उस समय विश्व प्रसिद्ध था.

9. भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आचार्य चाणक्य ने एक ऑडिटिंग सिस्टम लागू करने की बात कही थी. इसके लिए कर्मचारियों व अधिकारियों को एक ही विभाग में लम्बे समय तक न रखने की बात कही है.

10. कौटिल्य का अर्थशास्त्र राज्य चलाने यानी संविधान का ब्लू प्रिंट था, लेकिन उनके पास न राज्य था और न राजा इसलिए उन्हें एक योग्य व्यक्ति की तलाश थी. जो चन्द्रगुप्त के रूप में पूरी हुई.

11. मौर्य साम्राज्य उस काल का सबसे बड़ा साम्राज्य था यह सब चाणक्य के मार्गदर्शन के कारण ही सम्भव हो पाया था.

12. आज हम देखते है की विश्व के सभी देशों की विदेश नीति का मुख्य आधार चाणक्य नीति है.

13. चाणक्य चंद्रगुप्त को भोजन में बहुत कम मात्रा में ज़हर भी देते थे क्योकि चाणक्य चाहते थे की चन्द्रगुप्त शत्रु द्वारा किये जाने वाले किसी भी ज़हरीले आघात का सामना कर सके.

14. आचार्य चाणक्य ने अपनी कुटिल नीतियों से ही सिकंदर को भारत में आगे बढ़ने से रोककर वापस लौटने पर मजबूर किया था.

15. चाणक्य की मौत के बारे में बात की जाए तो उनकी मौत के लिए मुख्य रूप से दो कहानियां प्रचलित है. पहली यह की चाणक्य ने भोजन व पानी त्यागकर अपनी इच्छा से शरीर का त्याग किया था. दूसरी यह कि वे एक षडयंत्र के शिकार हो गये थे जिसके कारण उनकी मौत हो गई थी.