मध्यप्रदेश सीएम मोहन यादव का जीवन परिचय | Dr. Mohan Yadav Biography in Hindi

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डॉ. मोहन यादव भारतीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति हैं, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य के रूप में एक अमिट छाप छोड़ी है. वह वर्तमान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं. वह मध्य प्रदेश के उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा सदस्य (एमएलए) हैं.

जन्म और प्रारंभिक जीवन

25 मार्च, 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में जन्मे डॉ. मोहन यादव के प्रारंभिक जीवन ने उनके भविष्य के प्रयासों की नींव रखी. भारत के हृदय उज्जैन में पले-बढ़े यादव ने सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता की एक मजबूत भावना विकसित की. उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय से स्नातक किया हैं, जहाँ उन्होंने अपने कौशल और ज्ञान को निखारा.

आजीविका

डॉ. मोहन यादव ने अपने समुदाय में सकारात्मक बदलाव लाने की दृष्टि से राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया. 2013 में, उन्होंने पहली बार उज्जैन दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए विधायक बनकर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की. इस चुनावी जीत ने उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों द्वारा उन पर जताए गए विश्वास और विश्वास को रेखांकित किया.

वर्ष 2018 में डॉ. यादव की राजनीतिक क्षमता की पुष्टि हुई जब उन्होंने मध्य प्रदेश विधान सभा चुनावों में एक बार फिर जीत हासिल की. इस लगातार जीत ने लोगों की सेवा करने और उनकी चिंताओं को दूर करने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया.

डॉ. यादव के करियर में एक महत्वपूर्ण क्षण 2 जुलाई, 2020 को आया, जब उन्होंने श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. मंत्री पद पर इस पदोन्नति ने उनकी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय जोड़ा, जिससे उन्हें राज्य के विकास में योगदान देने के लिए एक मंच मिला.

विवाद

उपचुनाव प्रचार प्रतिबंध (अक्टूबर 2020):चुनाव आयोग का प्रतिबंध: 31 अक्टूबर, 2020 को मोहन यादव को राज्य के उपचुनावों में प्रचार करने पर एक दिन के प्रतिबंध का सामना करना पड़ा. चुनाव आयोग ने प्रचार के दौरान उनके असंयमित भाषा के इस्तेमाल के कारण यह प्रतिबंध लगाया है.

उच्च शिक्षा विभाग के खिलाफ बयान (2021):प्रवेश नीति विवाद: 2021 में, उच्च शिक्षा विभाग ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले छात्रों के लिए कॉलेज में प्रवेश से इनकार करने वाला एक कानून पेश किया. मोहन यादव ने इसकी तुलना चुनाव लड़ने वाले नेताओं से करते हुए असहमति जताई. विरोध के बावजूद, बाद में विभाग द्वारा कानून को रद्द कर दिया गया.

माता सीता के विरुद्ध टिप्पणी (दिसंबर 2022):अपमानजनक टिप्पणियाँ: 1 दिसंबर 2022 को नागदा में कारसेवक सम्मान समारोह में मोहन यादव ने माता सीता के त्याग और तलाक के बाद के जीवन के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की. इन टिप्पणियों से सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया. स्पष्टीकरण: प्रतिक्रिया के बाद, यादव ने अपनी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका इरादा कार सेवकों के सम्मान कार्यक्रम के दौरान भगवान राम के नाम पर किए गए बलिदान को उजागर करना था.

गणतंत्र दिवस परेड (जनवरी 2022) पर टिप्पणियाँ: जनवरी 2022 में, मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर गणतंत्र दिवस परेड की आलोचना की, कुछ ऐतिहासिक शख्सियतों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया और सांस्कृतिक तत्वों के चित्रण की प्रशंसा की.

विपक्ष की प्रतिक्रिया: कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रवि राय ने यादव की टिप्पणियों की निंदा करते हुए इसे आरएसएस और बीजेपी की मानसिकता से जोड़ा. राय ने यादव पर गोडसे विचारधारा को बढ़ावा देने और महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बारे में अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया.

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