विश्वनाथ प्रताप सिंह का जीवन परिचय | Vishwanath Pratap Singh Biography In Hindi

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इस लेख में हम विश्वनाथ प्रताप सिंह का जीवन परिचय जानने वाले है. विश्वनाथ प्रताप सिंह भारत के आठवें प्रधानमन्त्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके है. इन्होने प्रधानमन्त्री पद पर पिछड़ी जातियों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये है. हालाँकि, उनका शासन एक साल से भी कम समय के लिए चला, लेकिन इस काल में उन्होंने देश की उन्नति केलिए कठोर प्रयास किये. तो आइये इस महान व्यक्ति की जीवनी विस्तार से समज़ते है –

Vishwanath Pratap Singh Biography In Hindi

विश्वनाथ प्रताप सिंह का जीवन परिचय | Vishwanath Pratap Singh Biography In Hindi

बिंदु (Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)विश्वनाथ प्रताप सिंह (V.P Singh)
जन्म (Date of Birth)25 जून 1931
आयु77 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
पिता का नाम (Father Name)राम गोपाल सिंह
माता का नाम (Mother Name)रानी राज कवंर
पत्नी का नाम (Wife Name)सीता कुमारी
जाति (Cast)राजपूत
पेशा (Occupation )राजनेता, पूर्व प्रधानमंत्री
बच्चे (Children)2 बेटे (अजय प्रताप सिंह, अभय प्रताप सिंह )
मृत्यु (Death)27 नवम्बर 2008
मृत्यु स्थान (Death Place)नई दिल्ली
भाई-बहन (Siblings)ज्ञात नहीं
अवार्ड (Award) विशिष्ट सेवा पदक

प्रारम्भिक जीवन

विश्वनाथ प्रताप सिंह का जन्म 25 जून 1931 उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद ज़िले में एक राजपूत ज़मीनदार परिवार में हुआ. वे राजा बहादुर राय गोपाल सिंह के पुत्र थे.

विश्वनाथ प्रताप सिंह ने इलाहाबाद और पुणे विश्वविद्यालय से अध्ययन किया. वे अपनी विद्यार्थी जीवन से ही राजनीति में रूचि रखते थे. वर्ष 1957 में उन्होंने भूदान आन्दोलन में सक्रिय हिस्सा लिया. विश्वनाथ प्रताप सिंह ने अपनी जमीं दान में दे दी थी, परिणामस्वरूप इनके परिवार में खुप विवाद हुए.

इनका विवाह 25 जून 1955 को सीता कुमारी के साथ सम्पन्न हुआ. इन्हें दो पुत्र रत्नों की प्राप्ति हुई. विश्वनाथ प्रताप सिंह के ज्येष्ठ पुत्र अजेय सिंह भी राजनीति से जुड़े हुए है.

विश्वनाथ प्रताप सिंह राजनैतिक जीवन | Vishwanath Pratap Singh Political Career

  • उनका सम्बन्ध भारतीय कांग्रेस पार्टी के साथ था. 1971 में वे उत्तर प्रदेश विधानसभा में पहुँचे, उसके बाद उन्हें उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का कार्यभार सौपा गया. उनका मुख्यमंत्री कार्यकाल 9 जून 1980 से 28 जून 1982 तक ही रहा. पश्चात्त वह 29 जनवरी 1983 को केन्द्रीय वाणिज्य मंत्री बने. वे राज्यसभा के भी सदस्य रहे. 31 दिसम्बर 1984 को वह भारत के वित्तमंत्री भी बने.
  • वे जिस समय वित्तमंत्री के पद पर थे उस समय राजिव गांधी प्रधानमन्त्री थे. इस समय विश्वनाथ प्रताप सिंह के पास यह सूचना थी कि कई भारतीयों द्वारा विदेशी बैंकों में अकूत धन जमा करवाया गया है. यह सच आगे लाने के विचार से उन्होंने एक अमेरिकी जासूस संस्था फ़ेयरफ़ैक्स की नियुक्ति कर दी. इसी बीच स्वीडन ने 16 अप्रैल 1987 को यह समाचार प्रसारित किया कि भारत के बोफोर्स कम्पनी की 410 तोपों का सौदा हुआ था, उसमें 60 करोड़ की राशि कमीशन के तौर पर दी गई थी.
  • इस मुद्दे ने संसद में हाहाकार मचा दी. ऐसा समज़ने जाने लगा की इस दलाली में राजिव गांधी अर्थात प्रधानमंत्री का हाथ है. विश्वनाथ प्रताप सिंह ने और विपक्ष ने इसे चुनावी मुद्दे के रूप में पेश किया. भारतीय जनता के मध्य यह बात स्पष्ट हो गई कि बोफार्स तोपें विश्वसनीयन नहीं हैं तो सौदे में दलाली ली गई थी. इस सच्चाई के कारण राजीव गांधी ने विश्वनाथ प्रताप सिंह को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया.
  • आखिर में विश्वनाथ प्रताप सिंह के खुलासे सत्य साबित हुए. परिणामस्वरूप 1989 के आम चुनावों में राजिव गांधी को हार का सामना करना पड़ा था. विश्वनाथ प्रताप सिंह एक निडर राजनेता थे. वे निडरता से निर्णय लेते थे और वे बहुत ही ईमानदार भी थे. उन्होंने अपने जीवनकाल में हमेशा भ्रष्टाचार का विरोध किया. 27 नवम्बर 2008 को 77 वर्ष की अवस्था में विश्वनाथ प्रताप सिंह का निधन दिल्ली के अपोलो हॉस्पीटल में हो गया.

रचनाएँ

  • मुफ़लिस
  • भगवान
  • मैं और वक्त
  • इश्तेहार
  • क्षणिकाएँ

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