चिरायता क्या है? इसके गुण, फ़ायदे व लाभ | Chirayata Features and Benefits in Hindi

चिरायता इस्तेमाल करने के फ़ायदे, इसके गुण और होने वाले लाभ की जानकारी | Chirayata (Swertia chirata) Features, Benefits in Hindi

आज के दौर में व्यक्ति को सैकड़ों प्रकार की बीमारियाँ होती है. जिससे वो जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहता है. अगर किसी भी बिमारी से जल्द से पीछा छुड़वाना हो तो आम लोग डॉक्टर के पास जाते है. डॉक्टर उन्हें एलोपेथी दवाई की सलाह देता है. लेकिन वो एलोपेथी दवाइयों का इस्तेमाल नहीं कर पाता है क्योंकि उनकी कीमतें भी ज्यादा होती है और उनके साइड इफ़ेक्ट होने की भी संभावना होती है. लेकिन आयुर्वेद के पास भी कुछ ऐसा है जिससे आपको जल्दी आराम मिलेगा और इसकी कीमत भी कम है.

हम बात कर रहे है चीरायता (Swertia Chirata) नामक पौधे की. यह एक एंटी बायोटिक औषधि है. यह नेपाल, कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे राज्यों में पाई जाती है. इसकी ऊंचाई केवल 1.5 मीटर होती है. यह औषधि नेपाली नीम के नाम से भी जानी जाती है. क्योंकि इसकी सबसे ज्यादा पैदावार नेपाल में ही होती है. इस पौधे की खासियतों के बारे में सन 1839 में यूरोप में पता चला. यह औषधि हिमालय के पहाड़ों में 1200 से 1500 मीटर की ऊँचाइयों पर मिलती है.

चिरायता के गुण (Features of Chirayata)

• इस पौधे के पत्ते हरे रंग के होते है जिनपर बैंगनी रंग के धब्बे होते है. यह पौधा पिछली कई सदियों से दवाईयाँ बनाने के काम आता है.
• इस औषधि से बने टॉनिक की मदद से कई बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है.
• चिरायता के घोल में लॉन्ग और दालचीनी का मिश्रण मिला देने से यह घोल बुखार को दूर भागने के काम आता है. 60 मिलीलीटर की मात्रा दिन में दो बार पीने पर आराम जल्द मिल जाता है.

चिरायता के फायदे (Chirayata Benefits)

पोषक तत्व

इस पौधे में अत्यधिक मात्रा में ग्लाइकोसाइड होता है जो हाइड्रोलिसिस से बनता है. इस पौधे में भूरे रंग का ओपिडीक एसिड होता है. इस पौधे को हाइड्रोस्कोपिक पदार्थ के रूप में भी जाना जाता है. यह ऐसा पदार्थ है जो अल्कोहल और पानी दोनों में घुल जाता है.

आँखों के लिए चिरायता(Chirayata) के फायदे

चिरायता को पानी में घीसकर आँखों पर लगाने से आँखों की रोशनी और देखने की क्षमता बढती है और आँखों की दूसरी समस्या भी ख़त्म होती है.

बुखार में फायदे

एक गिलास पानी में 4 चम्मच चिरायता के पाउडर को पूरी रात भिगा दीजिये. सुबह इसे अच्छे से छान कर आधा-आधा कप दिन में 3 बार पीने से बुखार से राहत मिलती है. शरीर के कई हिस्सों पर चिरायता के तेल से मालिश करने से भी बुखार से राहत मिलती है.

मलेरिया में राहत

चिरायता के रस को संतरे के रस में मिलाकर दिन में 3 बार पीने से मलेरिया के मरीजों को आराम मिलेगा. इस तरीके से मलेरिया के मरीज़ को ठीक करने में 2 या 3 दिन ही लगेंगे.

शरीर की सूजन कम करे

चिरायता और सौंठ को बराबर मात्रा में मिलाकर काढ़ा बनायें. इस काढ़े को दिन में 3 बार पीने से शरीर के किसी भी हिस्से की सूजन बहुत जल्दी ख़त्म हो जाती है.

त्वचा के लिए फायदे

रात को चीरयता के पत्तों को पानी में भीगा ले और सुबह गलने के बाद पानी को छान लें छानने के 5 मिनट बाद उस पानी को पी लें इससे आपका खून साफ़ होगा. खून में मिली हुई अशुद्धियाँ समाप्त हो जाएगी जिससे आपके शरीर में कही भी फुंसी या किसी घाव की समस्या होगी तो वो ख़त्म हो जाएगी. चमड़ी से जुडी हुई समस्स्याओं का निवारण होगा.

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2 thoughts on “चिरायता क्या है? इसके गुण, फ़ायदे व लाभ | Chirayata Features and Benefits in Hindi”

  1. संतुष्ट करने वाले फैक्ट का अभाव है।कीन बीमारियों में काम करता है और खुराक क्या है, देने की जरूरत थी।

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