शाला शुल्क माफी के लिए प्राचार्य को पत्र | Application to Principal for School Fee Waiver in Hindi

विघालय शुल्क माफ करने के लिए अपने प्रधानाचार्य को आवेदन पत्र | Application to Principal for School Fee Waiver

हमें जब कभी भी विघालय में किसी प्रकार की समस्या हो, अवकाश चाहिए हो या अपनी शाला शुल्क माफ़ करनी हो तब हम जो पत्र लिखकर प्राचार्य को देते है, उस पत्र को औपचारिक पत्र कहते है. इस पत्र में एक होनहार छात्र अपनी शाला शुल्क भरने में असमर्थ है, जिसके कारण वह प्राचार्य से शुल्क माफी के लिए आवेदन करता है.

औपचारिक पत्र

सेवा में,
श्रीमान् प्राचार्य महोदय,
शा. बहु उ. मा. शाला,
भोपाल (म.प्र.)
विषय – शिक्षण शुल्क माफ करने हेतु आवेदन.
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं आपके विद्यालय की कक्षा 10वीं ‘अ’ का एक निर्धन छात्र हूँ. मेरे पिता के पास एक बहुत छोटा-सा खेत है, जिससे कुल वार्षिक आय 4000 रु. है.मेरे दो भाई-बहन भी स्थानीय कॉलेज में अध्ययनरत हैं. मेरे घर में केवल मेरे पिताजी ही कमाने वाले सदस्य हैं. उनकी आय से हमारा गुजारा ही मुश्किल से हो पाता है. अतएव मेरे पिता प्रतिमास शिक्षण शुल्क देने में असमर्थ हैं. मैंने गत वार्षिक परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण की है.
अतएव श्रीमान् से प्रार्थना है कि मेरे आवेदन पत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए मुझे शिक्षण शुल्क में छूट प्रदान करने की कृपा करें ताकि मैं आगे पढ़ सकूँ. आपकी अति कृपा होगी.
दिनांक- 12-8-20…..
आपका आज्ञाकारी छात्र
सौरभ चौधरी
कक्षा 10वीं ‘अ’

ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें

पत्र प्लेन पेपर पर लिखें : पत्र को हमेशा प्लेन पेपर पर लिखा होना चाहिए, किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी पत्र के साथ ना लिखी हुई हो. इसके अलावा पत्र को पूरे पेज पर लिखा होना चाहिए, एक पेज को दो हिस्सों में करके ना लिखे.
गलती ना हो : कई बार छात्र पत्र लिखते समय कई गलतियाँ कर देते हैं. इसीलिए जरुरी हैं कि पत्र में किसी भी प्रकार की शब्दों से जुडी हुई गलतियाँ नहीं होनी चहिए.
विषय की स्पष्टता : पत्र लिखते समय हमारा विषय स्पष्ट होना चाहिए. उसमे समझाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हमारे लिखे हुए शब्द सरल एवं स्पष्ट होने चाहिए ऊपर लिखे पत्र में भी आपने पढ़ा होगा कि छात्र अपनी शाला शुल्क भरने में असमर्थ है, जिसके कारण वह प्राचार्य से शुल्क माफी के लिए आवेदन करता है अपने पत्र पढ़ते हुए यह भी देखा होगा की छात्र ने नाहीं मात्राओ की गलती की है एवं किसी भी शब्द को नहीं काटा है. यह बात हमे किसी भी प्रकार के पत्र लिखते वक्त ध्यान रखनी है.
लेखन की सुन्दरता : पत्र की लेखन कला का भी आवदेन प्राप्तकर्ता के सामने प्रभाव पड़ता हैं. लेखन जिनता सुन्दर और मात्रा की गलतियों के बिना होगा उनता उन्नत रहेगा एवं एक बात का ध्यान रखे की पत्र के अक्षर एक समान लिखे हो कोई अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए.

आशा हैं की आपको यह पत्र अच्छा लगा होगा. इसी तरह की और पत्र लेखन प्राप्त करने के लिए हमारी वेबसाइट के Notification को Allow करके हमारी वेबसाइट से जुड़े. इसी प्रकार के अन्य विषय पर यदि आप पत्र चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में लिखे.

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