विदुर नीति – जानिए कब स्त्री, अन्न, योद्धा और तपस्वी की प्रशंसा करनी चाहिए.. और क्यों?

महाभारत एक हिन्दू धर्म का बहुत बड़ा महाकाव्य है. यह हिंदू धर्म का एक महान ग्रंथ है. कई विद्वानों ने महाभारत को पांचवां वेद भी कहा है. महाभारत काल में ही एक महात्मा हुए थे जिनका नाम था विदुर. उनकी कई नीतियाँ है जिनको संगठित रूप से विदुर नीति कहा जाता है. यह विदुर नीति भी महाभारत का ही एक हिस्सा है. विदुर नीति के अंतर्गत बताया गया है कि महात्मा विदुर ने महाराजा धृतराष्ट्र को जीवन को प्रबंधित करने के कई सारे सूत्र बताये है. महात्मा विदुर द्वारा बताये गये ये सूत्र उस समय ही नही वरन आज के समय में भी बहुत प्रासंगिक हैं. विदुर नीति के अनुसार यह जानिए की कब किसकी प्रशंसा करना चाहिए.

आइये हम आपको बताते है कि किसकी प्रशंसा कब करना चाहिए–

श्लोक–

जीर्णमन्नं प्रशंसन्ति भार्या च गतयौवनाम्
शूरं विजितसंग्रामं गतपारं तपस्विनम्.

श्लोक का अर्थ – महात्मा विदुर के अनुसार कोई भी सज्जन पुरुष, पच जाने पर अन्न अर्थात भोजन की, निष्कलंक जवानी निकल जाने पर स्त्री की, युद्ध जीत लेने पर योद्धा की तथा ज्ञान प्राप्त हो जाने पर तपस्वी की प्रशंसा करता हैं.

1. महात्मा विदुर कहते है कि, ऐसी स्त्री की जिसकी जवानी बिना किसी दोष (निष्कलंक) के निकल जाती है, अर्थात उस स्त्री के यौवन काल में उस पर कोई कलंक नही लगता है तब ऐसी स्त्री प्रशंसा करने के योग्य है.according to vidur women, food, saint, soldier

2. महात्मा विदुर कहते है कि, ऐसा अन्न अथवा भोजन जो आसानी से पच जाता है और जिसे खाने से हमें किसी भी प्रकार का कोई रोग नही हो, ऐसे अन्न अथवा भोजन की प्रशंसा करनी चाहिए.according to vidur women, food, saint, soldier


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3. महात्मा विदुर कहते है, कोई सा भी युद्ध किसी शूरवीर योद्धा के बल पर ही जीता जा सकता है अर्थात कोई सा भी युद्ध अथवा कभी भी जितने के लिए एक योद्धा की जरूरत पड़ती है. इसलिए हमें जीत के बाद उस योद्धा की प्रशंसा जरुर करना चाहिए जिसकी वजह से हम युद्ध जीतते है.according to vidur women, food, saint, soldier

4. महात्मा विदुर कहते है कि, कोई भी व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेने के पश्चात सम्मान के योग्य हो जाता है. एक साधारण तपस्वी भी ज्ञान अर्जन करने के बाद सम्मान के योग्य हो जाता है. अतः हमें हमेशा ज्ञानी व्यक्ति की प्रशंसा करनी चाहिए.according to vidur women, food, saint, soldier
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