मौर्य शासक बिन्दुसार का इतिहास | History of Maurya Emperor Bindusara in Hindi

चन्द्रगुप्त के पुत्र और अशोक के पिता बिन्दुसार का इतिहास और जीवन परिचय | Bindusara History, Biography, Birth, Family, Empire in Hindi

भारतीय इतिहास में जब हम सम्राटों की बात करते है तो चन्द्रगुप्त मौर्य, बिन्दुसार और सम्राट अशोक का नाम हमारे समक्ष आता है. आज हम उन्ही महान आत्माओं में से एक मौर्य शासक बिन्दुसार के बारे में जानने वाले है.

क्र. म.बिंदु(Points)जानकारी (Information)
1.नाम(Name)बिन्दुसार
2.पिता (Father Name)चन्द्रगुप्त मौर्य
3.जन्म (Birth)297 ईसा पूर्व
4.उत्तराधिकारी (Successor)सम्राट अशोक
5.पत्नी (Wife Name)1. Unknown
2. सुभाद्रंगी
6.धर्मं(Religion)हिन्दू (ब्राहमण)
7.मृत्यु (Death)273 ईसा पूर्व (उम्र- 47 साल)
7.मृत्यु का कारण(Cause of Death)Fasting Until Death

बिन्दुसार का जीवन परिचय(Bindusara Biography in Hindi)

बिन्दुसार मौर्य साम्राज्य के दूसरे शासक थे. इस साम्राज्य की स्थापना उनके पिता चन्द्रगुप्त मौर्य ने की थी. बिन्दुसार का इतिहास हर किसी को अचरज में डाल देता हैं क्योंकि उनके पिता और पुत्र के बारे में जितनी कहानियां सुनने को मिलती हैं उतनी बिन्दुसार के बारे में पढने को नहीं मिलती.

बिन्दुसार का जन्म (Bindusara Birth)

इतिहास पत्रों के अनुसार बिन्दुसार का जन्म चन्द्रगुप्त मौर्य के बेटे के रूप में 297 ईसा पूर्व हुआ था. उनकी माता का नाम दुर्धरा था. जिस इतिहास पत्र से बिन्दुसार के बारे में जानकारी मिलती हैं वह भी उनकी मृत्यु के 1000 साल बाद लिखे गए थे. इसीलिए इनके बारे में निश्चित रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता हैं.

पहली बार बिन्दुसार का नाम इतिहास में 12 वीं शताब्दी में जैन लेखक हेमचन्द्र की रचना “परिशिष्ठ परवाना” में दिखाई पड़ता हैं.

Bindusara
Bindusara

बिन्दुसार का परिवार(Bindusara Family)

अशोक पर लिखी गयी किताब “अशोकवदान” के अनुसार बिन्दुसार के तीन पुत्र थे. जिनके नाम सुशीम, अशोक और विगताशोका थे. अशोक और विगताशोका, बिन्दुसार की दूसरी पत्नी सुभाद्रंगी से हुए थे. जो कि एक ब्राह्मण की पुत्री थी.

बिन्दुसार का साम्राज्य (Bindusara Empire)

इतिहास के अनुसार बिन्दुसार के साम्राज्य में पूर्व दिशा में उस तरह का फैलाव नहीं दिखाई देता हैं जिस तरह का फैलाव उनके पिता के समय दिखाई देता हैं.

पूर्व दिशा में बिन्दुसार ने उसी साम्राज्य पर राज किया जो कि चन्द्रगुप्त द्वारा उनको दिया गया था. बिन्दुसार ने मौर्य साम्राज्य का प्रसार दक्षिण की और करना शुरू किया. जिसे आगे अशोक ने बढाया. बिन्दुसार के समय पश्चिम एशिया से मौर्यकालीन भारत के अच्छे व्यापारिक सम्बंध थे.

Biography of Maurya Emperor Bindusara in Hindi

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बिन्दुसार का धर्मं (Bindusara Religion)

बुद्ध लोगों के ग्रन्थ सामंतापसादिका और महावंसा के अनुसार बिन्दुसार ने हिन्दू धर्म (ब्राहमण) अपनाया था. इसी वजह से उन्हें “ब्राहमाणा भट्टो” भी कहा गया हैं. जिसका अर्थ होता हैं “ब्राहमणों की विजय”.

बिन्दुसार के धर्म के बारे में इसीलिए भी द्वन्द हैं क्योंकि इनके पिताजी चन्द्रगुप्त ने मरने से पहले जैन धर्मं अपना लिया था. वहीँ अशोक ने बोद्ध धर्मं अपनाया था.

बिन्दुसार की मृत्यु(Bindusara Death)

ऐतिहासिक पत्रों के अनुसार बिन्दुसार की मृत्यु 273 ईसा पूर्व बताई जाती हैं. बिन्दुसार ने 25 वर्षों तक राज्य किया. उनकी मृत्यु के बाद मौर्य साम्राज्य का शासक उनका पुत्र अशोक बना.

अशोक ने 269 ईसा पूर्व राजगद्दी संभाली थी. इस दौरान 5 वर्ष तक मौर्य शासन किसने संभाला यह भी एक रहस्य हैं.

इतिहास में बिन्दुसार को “महान पिता का पुत्र और महान पुत्र का पिता” की उपाधि दी गयी हैं. क्योंकि वह महान पिता के बेटे थे और महान बेटे के पिता. इतिहास के अनुसार अशोक और उनके पिता बिन्दुसार के विचारों में काफी अंतर था.

बिन्दुसार के विवाद (Bindusara Conflicts)

इतिहास को देखा जाये तो बिंदुसार अन्य मौर्यों की तुलना में कम आक्रामक नजर आते हैं. लेकिन उनके जीते जी उन्होंने कई सारे विद्रोहों का सामना किया. जिनमे पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय सबसे अहम हैं.

बिन्दुसार के शासनकाल में दो बार पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में उनके खिलाफ विद्रोह हुए. पहली बार सुशीम के कुशासन के कारण हुआ और दूसरा विद्रोह के बारे में कुछ जानकारी नहीं हैं लेकिन दूसरे विद्रोह को अशोक ने आक्रामकतापूर्ण कुचल दिया था.

बिन्दुसार के बारे में यह भी तथ्य हैं कि उन्होंने अपने बड़े बेटे सुशीम को राजगद्दी का वारिस बनाया था लेकिन अशोक ने अन्य भाइयों को मारकर राजगद्दी पर कब्ज़ा जमा लिया.

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