कवि ओम प्रकाश ‘आदित्य’ जी का जीवन परिचय | Om Prakash Aditya Biography In Hindi

कवि ओम प्रकाश ‘आदित्य’ का जीवन परिचय, जन्म, रचनाएँ, कविताएँ
Om Prakash Aditya (Poet) Biography, Birth, Death, Family, Poems, Books, Rachnaye In Hindi

ओम प्रकाश आदित्य एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और व्यंग्यकार थे. वे हिंदी कवि सम्मेलन के एक प्रसिद्ध कवि भी थे. ओम प्रकाश आदित्य का जन्म 5 नवंबर 1936 में रणसीका, गुरुग्राम में हरियाणा में हुआ था.

Om Prakash Aditya Biography In Hindi

कवि ओम प्रकाश ‘आदित्य’ जी का जीवन परिचय | Om Prakash Aditya Biography In Hindi

आदित्य जी अपनी मजाकिया और व्यंग्यात्मक कविताओं के लिए व्यापक रूप से जाने जाते हैं. प्री-केबल-टेलीविज़न युग में, 1970 और 1980 के दशक में दूरदर्शन पर वे हास्य कवि सम्मेलन का हिस्सा बने और बहुत ख्याति प्राप्त की. कविताओं के अलावा उन्हें पढ़ाने में भी रूचि थी. उन्होंने शिक्षक के रूप में दिल्ली के एक विद्यालय में पढाया भी है.

बिंदु (Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)ओम प्रकाश
उपनामआदित्य
जन्म (Date of Birth)05 नवम्बर 1936
आयु70 वर्ष
जन्म स्थान (Birth Place)रणसीका, गुरुग्राम, हरियाणा
पिता का नाम (Father Name)ज्ञात नहीं
माता का नाम (Mother Name)ज्ञात नहीं
पत्नी का नाम (Wife Name)ज्ञात नहीं
पेशा (Occupation )कवि, व्यंग्यकार
मृत्यु (Death)07 जून 2009
मृत्यु स्थान (Death Place)—-

कविताओं में छंद के प्रयोग के लिए आदित्य जी की प्रसिद्धि

वे आधुनिक हिंदी साहित्य के उन चुनिन्दा कवियों में से एक थे जिन्होंने कविता के लिए छंद का प्रयोग किया. प्राचीन काल में छंद का प्रयोग लगभग हर कवि किया करते थे. लेकिन आधुनिक युग में छंद का प्रयोग करने वाले कवि बहुत कम रह गए हैं. आदित्य उन बहुत कम कवियों में से एक थे जिन्होंने सभी कविताओं में छंद का प्रयोग किया.

कवि ओम प्रकाश जी की रचनायें –

आदित्य जी की कुछ प्रसिद्ध रचनायें –

  • “गोरी बैठी छत पर”
  • “इधर भी गधे हैं,  उधर भी गधे हैं”
  • “तोता और मैना”
  • “नेता जी का नख – सिख वर्णन”
  • “जिए जा रहा हूँ मैं”
  • “इतिहास का पर्चा”
  • “छंद को बिगाड़ो माँ” उनकी कुछ प्रसिद्ध कृतियाँ हैं.

आदित्य जी की मृत्यु | Om Prakash Aditya Death

ओम प्रकाश आदित्य जी की मृत्यु 8 जून 2009 को एक कार दुर्घटना में हुई थी. आदित्य जी कुछ कवियों सहित बेतवा उत्सव में आयोजित कवि सम्मेलन में भाग लेकर लौट रहे थे, वे सभी इन्नोवा में सवार थे और टक्कर होने पर घटना स्थल सूखी सेवनिया (भोपाल से 10 किलोमीटर दूर) पर ही आदित्य जी की मृत्यु हो गयी. बाद में इनके शव को विमान के द्वारा दिल्ली पहुँचाया गया.

आज भी आदित्य जी की कविताओं का वाचन कवि सम्मलेन आदि में किया जाता है. वास्तव में वे एक महान कवि थे जिन्होंने छंदों का प्रयोग व्यापकता से किया.

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