प्रतिभा पाटिल का जीवन परिचय | Pratibha Patil Biography in Hindi

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दोस्तों, आज हम भारत की पहली महिला राष्ट्रपति, श्रीमती प्रतिभा पाटिल का जीवन परिचय जानेंगे. वर्ष 2007 से 2012 तक उन्होंने राष्ट्रपति पद संभाला. भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को विदेशियों को दिए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘ऑर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला एज्टेका’ (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से सम्मानित किया गया है. इससे पहले यह सम्मान राष्ट्रपति एस. राधाकृष्णन को दिया गया था. महिलाओं के कल्याण केलिए कार्य करनेवाली प्रतिभा पाटिल, प्रतिभा ताई पाटिल नाम से प्रसिद्ध है. तो आइये आज के लेख में प्रतिभा ताई पाटिल का जीवन परिचय विस्तार से जानते एवं समझते है.

बिंदु (Points)जानकारी (Information)
नाम (Name)प्रतिभा पाटिल
जन्म (Date of Birth)19 दिसंबर 1934
जन्म स्थान (Birth Place)नन्दगाँव, महाराष्ट्र
पिता का नाम (Father Name)नारायण राव पाटिल
माता का नाम (Mother Name)ज्ञात नहीं
पति का नाम ( Husband Name)देवीसिंह रानासिंह शेखावत
पेशा (Occupation )राजनीती, पूर्व राष्ट्रपति
राजनीतिक पार्टी (Party)भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस
जाति (Cast)वैश्य
बच्चे (Children)राजेंद्र शेखावत और ज्योति राठौर
मृत्यु (Death)
मृत्यु स्थान (Death Place)
भाई-बहन (Siblings)भाई – जी. एन. पाटिल
बहन – ज्ञात नहीं
अवार्ड (Award)‘ऑर्डर ऑफ द एजटेक ईगल’

प्रारंभिक जीवन | Pratibha Patil Early Life

प्रतिभा ताई पाटिल का जन्म 19 दिसंबर 1934 को महाराष्ट्र के जलगाँव जिले में नन्दगाँव गाँव में हुआ था. इनके पिता का नाम नारायण राव पाटिल थे, जो एक राजनेता थे. प्रतिभा ताई की प्रारंभिक शिक्षा जलगाँव के आर.आर विद्यालय से हुई थी. उन्होंने जलगाँव के मूलजी जेठा कालेज से स्नातकोत्तर (एम ए) और मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज (मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध) से कानून की पढा़ई की. बचपन से ही खेलों में इनकी रूचि थी. वे टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी थीं. उन्होंने कई अन्तर्विद्यालयी प्रतियोगिताओं में विजय प्राप्त कीया है. 7 जुलाई 1965 को उनका विवाह शिक्षाविद देवीसिंह रणसिंह शेखावत के साथ हुआ. उनकी एक पुत्री तथा एक पुत्र है.

व्यक्तित्व | Pratibha Patil Character

महाराष्ट्र के जलगांव में जन्मी प्रतिभा ताई पाटिल का स्वभाव काफ़ी दयालु और शांत किस्म का है. साडी और माथे पर बड़ी सी बिंदी, इस तरह का प्रतिभा ताई का पारम्पारिक एवं साधारण सा पहनाव है.

राजनीतिक सफ़र | Pratibha Patil Political Career

प्रतिभा ताई पाटिल ने अपने राजनैतिक सफ़र की शुरुआत महज 27 की आयु में की थी. वर्ष 1962 में उन्होंने एदलाबाद क्षेत्र से विधानसभा (एसेंबली) के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर विजय प्राप्त की थी. इस समय वह वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के भूतपूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चव्हाण की देखरेख में कार्य कर रही थी.

1962 से 1985 तक वह पाँच बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रहीं. इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाला. 1979 में वह एक साल केलिए विपक्ष की नेता रही. 1985 में वह राज्यसभा पहुँची और 1986 में राज्यसभा की उप सभापति बनी. वह राष्‍ट्रीय शहरी सहकारी बैंक एवं ऋण संस्‍थाओं की निदेशक भी रही है. वर्ष 1991 में उन्हें दसवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित किया गया, जिसके बाद उन्होंने अध्‍यक्षा, सदन समिति, लोक सभा के रूप में भी कार्य किया. 8 नवंबर 2004 को उन्हें राजस्‍थान की राज्‍यपाल के रूप में नियुक्‍त किया गया.

22 जून 2007 को उन्होंने राष्‍ट्रपति पद पर निर्वाचन के लिए राज्‍यपाल के पद से इस्‍तीफा दे दिया. 25 जुलाई 2007 को अपने विरोधी भैरो सिंह शेखावत को 3 लाख मतों से हरा कर प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति के पद पर विराजमान हो गई. वह भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनी. 2007 से 2012 तक वह राष्ट्रपति पद पर विराजमान रही.

सामाजिक कार्य | Pratibha Patil Social Works

  • प्रतिभा ताई पाटिल ने महिलाओं के कल्‍याण के लिए अनेक कार्य किये. उन्होंने मुंबई, दिल्ली में कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास, ग्रामीण युवाओं के लाभ हेतु जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज, श्रम साधना न्यास की स्‍थापना की. उन्होंने महिला विकास महामण्‍डल, जलगांव में दृष्टिहीन व्‍यक्तियों के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय और विमुक्‍त जमातियों तथा बंजारा जनजातियों के निर्धन बच्‍चों के लिए एक स्‍कूल की स्‍थापना की.
  • ताई ने अपने पति देवीसिंह पाटिल के साथ जलगांव जिले में महिला होम गार्ड का आयोजन किया. वे राष्‍ट्रीय सहकारी शहरी बैंक और ऋण संस्‍थाओं की उपाध्‍यक्ष रहीं तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम कार्यान्‍वयन समिति, महाराष्‍ट्र की अध्‍यक्षा थीं. उन्होंने अमरावती में दृष्टिहीनों के लिए एक औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय, निर्धन और जरूरतमंद महिलाओं के लिए सिलाई कक्षाओं, पिछड़े वर्गों और अन्‍य पिछड़े वर्गों के बच्‍चों के लिए नर्सरी स्‍कूल खोला. अमरावती में किसानों को फसल उगाने की नई एवं वैज्ञानिक तकनीकें सिखाने, संगीत और कम्‍प्‍यूटर की कक्षाएं आयोजित की.

प्रतिभा पाटिल से जुड़े विवाद | Pratibha Patil Controversy

पहला विवाद

प्रतिभा ताई पाटिल ने राजस्थान की एक सभा में कहा कि राजस्थान की महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए परदा प्रथा आरंभ हुई. इतिहासकारों ने कहा कि प्रतिभा पाटिल का इतिहास ज्ञान शून्य है. जबकि मुस्लिम लीग जैसे दलों ने भी इस बयान का विरोध किया. समाजवादी पार्टी ने कहा कि प्रतिभा पाटिल मुसलिम विरोधी विचारधारा रखती हैं.

दूसरा विवाद

प्रतिभा पाटिल दूसरे विवाद में तब घिरी जब उन्होंने एक धार्मिक संगठन की सभा में अपने गुरू की आत्मा के साथ कथित संवाद की बात कही. प्रतिभा के पति देवी सिंह शेखावत पर स्कूली शिक्षक को आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने का आरोप है. उन पर हत्यारोपी अपने भाई को बचाने के लिए अपनी राजनीतिक पहुंच का पूरा पूरा इस्तेमाल करने का भी आरोप है. उन पर चीनी मिल कर्ज में घोटाले, इंजीनियरिंग कालेज फंड में घपले और उनके परिवार पर भूखंड हड़पने के संगीन आरोप हैं.

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