कम्प्यूटर वक्त की माँग पर अनुच्छेद | Article on Computer in Hindi

कम्प्यूटर वक्त की माँग पर अनुच्छेद लेखन | Article Writing on Computer in Hindi | Computer Waqt Ki Mang Par Paragraph

हमारे आज के युग में हम जिस वस्तु का उपयोग करके लगभग सभी काम कर सकते है, उसे कम्प्यूटर कहते है. हम अगर “कम्प्यूटर वक्त की माँग” पर अनुच्छेद लिखते है, तो उसे विज्ञान संबंधी अनुच्छेद कहते है. कम्प्यूटर के ऐसा विषय है, जिस पर हम एक पूरा निबंध भी लिख सकते है.

कम्प्यूटर वक्त की माँग

संकेत बिन्दु – (1) कम्प्यूटर क्या है (2) आज की जरूरत (3) महत्व (4) उपयोगिता के क्षेत्र 

कम्प्यूटर बिजली से चलने वाला ऐसा उपकरण है, जो दी जाने वाली सूचनाओं (इनपुट डाटा) को एकत्र कर कार्य कर और अंत में सही परिणाम (आउटपुट) देता है. आज यह जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. छोटे बच्चों को विद्यालय में शिक्षा से लेकर चिकित्सा, बैंक, व्यापार हर जगह इसकी उपयोगिता और जरूरत महसूस की जाती है. वर्तमान युग को कम्प्यूटर का युग कहा जाने लगा है. जहाँ बड़े-बड़े उद्योग, कारखानों, रेलवे स्टेशनों, हवाई अड्डों, अस्पतालों में हर कार्य कम्प्यूटरी कृत हो गया है. कम्प्यूटर के द्वारा प्रमाण पत्र, टिकट, मरीजों की एक्सरे, सोनोग्राफी रिपोर्ट, कलर मिक्सिंग, पुस्तकें, फिल्म सब कुछ चंद मिनटों में तैयार की जाती हैं. बिना गलती के सटीक परिणाम देने वाले इस यंत्र ने मानव जीवन को सरल सुव्यवस्थित बना दिया है. आजकल विद्यार्थी ई-बुक भी इससे प्राप्त कर अध्ययन करते हैं. परीक्षा प्रणाली में भी इसने बदलाव लाए. अनेक प्रतियोगी परीक्षाएँ कम्प्यूटर के माध्यम से ली जाती हैं. मौसम की जानकारी, सरहद पर देश की चौकसी व युद्ध के परिणाम कम्प्यूटर पर देखे जा सकते हैं. इनसे चलने वाला इंटरनेट ने तो पूरी दुनिया को एक ही जगह लाकर खड़ा कर दिया है.

अनुच्छेद लिखने की रीति

हम अगर इन बातों का ध्यान रखे तो हम अनुच्छेद को बिल्कुल सटीकता से लिख सकते है.

  • अनुच्छेद लिखते समय मात्राओं की गलती एवं कटा-पिटी ना हो इस बात को हमेशा याद रखे.
  • किसी भी विषय पर अगर हमें अनुच्छेद लिखना है, तो हमें उस विषय की जानकारी होना अति आवश्क है.
  • चुने हुए विषय पर लिखने से पहले चिन्तन-मनन करे ताकि मूल भाव भली-भाँति स्पष्ट हो सके.
  • विषय को प्रस्तुत करने की शैली अथवा पद्धति तय होनी चाहिए.
  • लिखते समय सरल भाषा का प्रयोग करे एवं ध्यान रखे की विषय के अनुकूल होनी चाहिए.
  • मुहावरे और लोकोक्तियों आदि का प्रयोग करके भाषा को सुंदर एवं व्यावहारिक बनाने का प्रयास करे.

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