स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र हेतु प्राचार्य को पत्र | Application to Principal for Transfer Certificate in Hindi

स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु प्राचार्य को पत्र | Application to Principal for getting transfer certificate in Hindi

जब कभी भी हमें विघालय में किसी प्रकार की प्राचार्य से मंजूरी, अवकाश की आवश्कता या स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र की जरूरत होती है उस समय हम अपने प्राचार्य को जो पत्र लिखकर बताते है, उस पत्र को औपचारिक पत्र कहते है. इस पत्र में एक छात्र स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु अपने प्राचार्य को पत्र लिखता है.

औपचारिक पत्र

सेवा में,
प्राचार्य महोदय,
शासकीय कन्या उच्च माध्य. शाला,
रीवा (म.प्र.)

विषय- स्थानान्तरण प्रमाण पत्र हेतु आवेदन.

महोदय,
निवेदन है कि मेरे पिताजी का स्थानान्तरण भोपाल हो गया है. मैं आपकी शाला में कक्षा 10वीं ‘अ’ को नियमित छात्रा हूँ. मैं आगे की पढ़ाई अपने पिता के साथ भोपाल में रहकर करना चाहती हूँ. अतः मुझे शाला स्थानान्तरण प्रमाण पत्र प्रदान करने कीकृपा करें.

धन्यवाद

दिनांक- 15-10-20..

भवदीय
मृणालिनी साहू
कक्षा 10वीं ‘अ’

ध्यान देने योग्य आवश्यक बातें

पत्र प्लेन पेपर पर लिखें : पत्र को हमेशा प्लेन पेपर पर लिखा होना चाहिए, किसी भी प्रकार की अन्य जानकारी पत्र के साथ ना लिखी हुई हो. इसके अलावा पत्र को पूरे पेज पर लिखा होना चाहिए, एक पेज को दो हिस्सों में करके ना लिखे.
गलती ना हो : कई बार छात्र पत्र लिखते समय कई गलतियाँ कर देते हैं. इसीलिए जरुरी हैं कि पत्र में किसी भी प्रकार की शब्दों से जुडी हुई गलतियाँ नहीं होनी चहिए.
विषय की स्पष्टता : पत्र लिखते समय हमारा विषय स्पष्ट होना चाहिए. उसमे समझाने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. हमारे लिखे हुए शब्द सरल एवं स्पष्ट होने चाहिए ऊपर लिखे पत्र में भी आपने पढ़ा होगा कि छात्र स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र प्राप्त करने हेतु अपने प्राचार्य को पत्र लिखता है बिना किसी कटा-पिटी एवं मात्राओं की गलती से.
लेखन की सुन्दरता : पत्र की लेखन कला का भी आवदेन प्राप्तकर्ता के सामने प्रभाव पड़ता हैं. लेखन जिनता सुन्दर और मात्रा की गलतियों के बिना होगा उनता उन्नत रहेगा एवं एक बात का ध्यान रखे की पत्र के अक्षर एक समान लिखे हो कोई अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए.
लेखन की सुन्दरता : पत्र की लेखन कला का भी आवदेन प्राप्तकर्ता के सामने प्रभाव पड़ता हैं. लेखन जिनता सुन्दर और मात्रा की गलतियों के बिना होगा उनता उन्नत रहेगा एवं एक बात का ध्यान रखे की पत्र के अक्षर एक समान लिखे हो कोई अक्षर बड़ा या छोटा नहीं होना चाहिए.

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