विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस पर निबंध | World First Aid Day Essay in Hindi

विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस पर निबंध | World First Aid Day Essay in Hindi

विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस जिसे हम सामान्य तौर पर वर्ल्ड फर्स्ट एड डे (World First Aid Day 2020) के नाम से जानते हैं पूरे विश्वभर में 14 सितम्बर के दिन मनाया जाता है. यह दिन लोगों को फर्स्ट एड की अहमियत के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. सही वक्त पर सही एड मिलना किसी जिंदगी को बचाने के लिए कितना जरूरी यह बात हर व्यक्ति तक पहुंचनी बहुत ही आवश्यक है. कई बार दुर्घटनाओं में सही समय पर सही एड या उपचार न मिलने पर इंसान का जीवन तक खतरे में आ जाता है. उदारहण के तौर पर कई दफा सड़क हादसों में चोट आने पर हम उनकी वहीं पट्टी कर सकते हैं ताकि अस्पताल पहुंचते पहुंचते तक उनका ज्यादा खून न बह पाए, पर बहुत सी जान उपचारों की इन्ही जागरूकता के न होने के कारण चली जाती हैं. इसके लिए बहुत जरूरी है इनकी जानकारी हर व्यक्ति के पास हो. फर्स्ट एड डे मनाने का मुख्य उद्देश्य यही है.

इंटरनेशनल फेडरेशनऑफ़ रेड क्रॉस एंड रेड क्रिस्टेंट सोसाइटीज (IFRC) के अंतर्राष्ट्रीय बैठक ने वर्ष 2000 में ” विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस ” (World First Aid Day) की शुरुआत की थी. फिर वर्ष 2000 के बाद से हर साल इसे विश्वभर में मनाया जाता है और लोगों को एड के प्रति जागरूक किया जाता है.

यह एक वार्षिक अभियान है, जिसमें लोगों को इस बात के बारे में जागरूक किया जाता है कि प्राथमिक चिकित्सा कितनी महत्वपूर्ण है. प्राथमिक चिकित्सा सभी के लिए फ्री होनी चाहिए, जिसमें सबसे कमजोर वर्ग के लोग भी शामिल हैं, क्योंकि जो कमजोर वर्ग या गरीब लोग होते हैं वे उपचार के लिए इतने पैसे जमा नहीं कर पाते इसलिए इसे मुफ्त करने का प्रस्ताव रखा गया.

कई सरकारी अस्पतालों में इलाज मुफ्त है पर दवाइयों के पैसे लगते हैं सरकार इसपर कार्य कर रही है और हम आशा करते हैं कि जल्द ही वे गरीबों के लिए उपचार की कुछ और अच्छी स्कीम्स निकालेंगे क्योंकि हर देश का विकास उनके सबसे नीच और कमजोर लोगों की नजर से देखा जाता है।उनका विकास ही देश का असल विकास है.

फर्स्ट एड क्या होता है | What is First Aid

तो आइए अब हम जानते हैं कि आखिर प्राथमिक चिकित्सा या फर्स्ट एड क्या होता है? किसी भी घायल या बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुँचाने से पहले उसकी जान बचाने के लिए हम जो प्रयास कर सकते हैं जिससे अस्पताल जाते तक उसकी जान बची रह सके उसे हम प्राथमिक चिकित्सा कहते हैं. उस आपातकाल में पड़े हुए व्यक्ति की जान बचाने के लिए हम आस-पास के किसी भी प्रकार के वस्तु का उपयोग कर सकते हैं, जिससे जल्द से जल्द उसको आराम मिल सके अस्पताल ले जाते तक उसकी जान बच सके. प्राथमिक उपचार में ये जरूरी नहीं कि सिर्फ दवाइयां ही हों इसमें हम कुछ घरेलू उपचार भी शामिल कर सकते हैं जैसे खून बहने पर हल्दी सबसे अच्छी एंटीसेप्टिक का काम करती है. यह हमारे खून को बहने से रोकने में मददगार होती है.

प्राथमिक चिकित्सा का महत्व | World First Aid Day 2020

प्राथमिक चिकित्सा निम्नलिखित कुछ इन इमरजेंसी हालातों में दी जा सकती है जैसे कि दम घुटना(पानी में डूबने के कारण, फांसी लगने के कारण या साँस नल्ली में किसी बाहरी चीज का अटक जाना), ह्रदय गति रूकना-हार्ट अटैक, खून बहना, शारीर में जहर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक(अत्यधिक गर्मी के कारण शारीर में पानी की कमी), बेहोश या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर.

फर्स्ट एड के कुछ नियम और सिद्धांत होते हैं ,यह सबकी जानकारी में होना बहुत जरूरी है. क्योंकि अगर आपको इनकी जानकारी होगी तभी आप किसी के उपचार में मदद कर पाएंगे

प्राथमिक चिकित्सा के नियम | Rules of First Aid in Hindi

  • जल्द से जल्द दुर्घटना स्थल पर पहुँचें : अगर आपका कोई घर का इंसान दुर्घनाग्रस्त हो जाए तो बिना वक़्त बर्बाद करे स्थल पर पहुचें
  • अनावश्यक प्रश्न पूछकर समय बर्बाद न करें : दुर्घटना के समय यह कैसे हुआ ? कहाँ जा रहे थे ? किसने किया? जैसे फालतू सवाल न पूछें. पहले उसके उपचार की व्यवस्था करें.
  • चोट का कारण जल्दी से पता करें : आपका यह पता लगाना जरूरी है कि चयत कहां और किस वस्तु से लगी है।
  • चोट लगने वाली वस्तु को रोगी से अलग करें : जैसे गिरने वाली मशीनरी, आग, बिजली का तार, जहरीले कीड़े, या कोई अन्य वस्तु.
  • पता लगाएँ कि क्या मरीज मर चुका है, जीवित या बेहोश है।
  • गोद लिए जाने वाले प्राथमिक उपचार उपायों की प्राथमिकता निर्धारित करें: उस क्रम में कार्डियक फंक्शन को ठीक करना, सांस लेने में मदद करना, चोट लगने की जगह से खून बहना बंद करें. यह सभी कार्य किसी व्यक्ति की जान बचाने में बहुत मददगार साबित होते हैं.
  • जल्दी से जल्दी चिकित्सा सहायता की व्यवस्था करें : एम्बुलेंस बुलाएं या डॉक्टर को ही घटनास्थल पर लाएं.
  • रोगी का रिकॉर्ड और घटना का विवरण रखें : यह सम्भावित एक बेहद महत्वपूर्ण कदम हो सकता है क्योंकि अगर मरीज का पिछला कोई रिकॉर्ड हो तो उससे डॉक्टर को उपचार करने में आसानी होती है.
  • जहां तक संभव हो मरीज को गर्माहट और आरामदायक रखें.
  • यदि रोगी होश में है, तो उसे आश्वस्त करें : क्योंकि योगी अगर चिंतित रहेगा तो उसकी बीमारी या चोट पर और ज्यादा असर पड़ सकता है.

प्राथमिक चिकित्सा के सिद्धांत | Principle of First Aid in Hindi

  • सांस की जाँच करें और ABC के नियम का पालन करें: A यानी airway मतलब उनकी स्वान्सनली चेक करें. B यानी Breathing मतलब उसकी सांसे चेक करें चल रही हैं या नहीं. C यानी circulation मतलब उनका रक्तसंचार देखें इसे नाड़ी से पहचाना जा सकता है अगर यह बन्द है तो मुश्किल हो सकती है.
  • अगर चोट लगी है और खून बह रहा हो तो जल्द से जल्द खून के बहाव को रोकें.
  • अगर घायल व्यक्ति को सदमा लगा हो तो उसे समझाएं और सांत्वना दें : इनसब का मानसिक तौर पर बहुत असर पड़ता है और किसी भी बीमारी को ठीक करने के लिए इंसान का मानसिक तौर पर सही होना बहुत जरूरी है.
  • अगर व्यक्ति बेहोश हो तो होश में लाने की कोशिश करें : आप उसपर पानी छींट सकते हैं या गाल थपथपा कर उन्हें जगाने की कोशिश कर सकते हैं .
  • अगर कोई हड्डी टूट गयी हो, तो सीधा करें और दर्द को कम करें : हड्डी टूट या खिसक जाए तो उसे अस्पताल जाने से पहले आरामदायक स्थिति में रखें.
  • जितना जल्दी हो सके घायल व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल या चिकित्सालय पहुंचाएं।आपका एक कदम किसी व्यक्ति की जिंदगी बचा सकता है.

तो आप सभी प्राथमिक चिकित्सा की अहमियत समझें और दूसरों को भी समझाएं, क्योंकि जान है तो ही जहान है। आपकी एक कोशिश किसी के घर का चिराग बचा सकती है. कभी भी लापरवाही न बरतें.

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