पी. भारतीराजा का जीवन परिचय | P. Bharathiraja Biography in Hindi

साउथ फिल्मों के डायरेक्टर पी. भारतीराजा का जीवन परिचय | South Films Director P. Bharathiraja Biography in Hindi

भारतीराजा एक फिल्म डायरेक्टर है. इन्होंने मुख्यतः तमिल फिल्म इंडस्ट्री में काम किया है. इनका जन्म 17 जुलाई 1941 को हुआ है भारतीराजा ने अपने फिल्मी करियर का आरंभ 1977 में किया था.

ग्रामीण जीवन व्यवस्था के कई गंभीर और नाजुक मुद्दे इनके कार्य मे प्रमुख रूप से दिखाई देते है. इन्होंने कई तमिल और हिंदी फिल्मों में डायरेक्टर का भी कार्य किया है.

क्र. म.बिंदु(Points)जानकारी (Information)
1.नाम(Name)पी. भारतीराजा
2.पिता (Father Name)परियामयथेवर (Periyamayathevar)
3.जन्म(Birth)17 जुलाई 1941
4.पत्नी का नाम (Wife Name)चंद्रालीलावथी(Chandraleelavathi)
5.अवार्ड्स(Awards)6 नेशनल
फिल्म फेयर अवार्ड
4 दक्षिणी फिल्म अवार्ड
दो तमिलनाडु फिल्म अवॉर्ड

निजी जीवन(P. Bharathiraja Personal Life)

भारतीराजा (चिन्नासम्य) का जन्म पेरिया माया थेवर (Periyamayathevar) और करुथाम्मल (Karuthammal) के यहाँ हुआ. इनकी पत्नी का नाम चंद्रलीला है. इनके दो बच्चे हैं जिनका नाम मनोज भारतीराजा और जनानी हैं. मनोज एक अभिनेता है, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत ताजमहल फिल्म से की थी. मनोज की पत्नी नंदन हैं. जनानी की शादी मलेशियन राजकुमार थंबीराज से हुई हैं.
मनोज कुमार भारतीराजा के साले हैं. जो एक फिल्म डायरेक्टर है. इन्होंने कई फिल्मों जैसे मन्नुक्कुलवैराम, वन्नाविल और गुरु पैरवी जैसी फिल्मों में निर्देशक का काम किया हैं.
इनके भाई जयराज ने फिल्म Kaththukkutti से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की.

फिल्मी करियर (P. Bharathiraja Career)

भारतीराजा ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत एक कन्नड फिल्म मेकर Puttanna Kanagal के असिस्टेंट के रूप में की. इसके बाद इन्होंने P. Pullaiah, M. Krishnan Nair, Avinasi Mani and A. Jagannathan को भी असिस्ट किया.

उनकी पहली फिल्म 16 वायाथिनिल, जिसको इन्होंने खुद लिखा था. यह फ़िल्म तमिल सिनेमा में एक मील का पत्थर साबित हुई. यह गाँवों के ऊपर आधारित थी. इसके द्वारा इन्होंने गांवों के ऊपर आधारित सिनेमा को एक नई शैली में पेश किया, जो अब तक मौजूद सभी शैलियों से बिल्कुल अलग थी. इस फिल्म को अब तमिल सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है.
इनकी दूसरी फिल्म भी लगभग इनकी पहली फिल्म की तरह ही थी और उसके बाद इनके ऊपर यह आरोप लगने लगे कि यह सिर्फ गावों की ऑडियंस को ही अपनी फिल्मों की तरफ खींच सकते हैं.

भारतीराजा ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण फिल्म निजालगल (1980), और एक्शन थ्रिलर टिक टिक टिक (1981) के साथ एक बार फिर दिया और सभी को बताया कि उन्हें सिर्फ एक विशेष शैली से जोड़कर नही देखा जा सकता.

पुनः निःसंदेह 1980 के दशक में ग्रामीण विषयों में सबसे बड़ी हिट साबित हुई. अलाइगल ओवाथिल्लै (1981), मान वसनई (1983) और मुथल मारियाथाई (1985) एक गांव की पृष्ठभूमि में मजबूत प्रेम कहानियां थीं. इन फिल्मों में इन्होंने प्यार की गहराइयों को छुआ है कि कैसे प्यार उम्र, जाति, और धर्म के बंधन से बंध जाता हैं.

वक़्त बदलता गया, मुद्दे भी बदलते गए और बदलते वक्त के साथ भारतीराजा ने भी अपनी फिल्मों में तकनीकी का आधुनिकीकरण किया.’ Kizhakku Cheemaiyile ‘ फ़िल्म की व्यावसायिक सफलता और इसके लिए मिले पुरस्कार इस बात का प्रमाण है इनमें युवा पीढ़ी को रोमांचित करने की क्षमता है.

उनकी 2001 की फिल्म ‘Kadal Pookal’ में उन्हें सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए उस वर्ष का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. प्रसिद्ध तमिल फिल्म निर्देशक भाग्यराज उनके सहायक निदेशकों में से एक थे.

2016 के आरंभ में, भारतीराजा को Kutra Parambarai नामक एक फिल्म बनाने के मामले में निर्देशक बाला के साथ एक कानूनी झगड़े में उलझ गए थे, हालांकि फिल्म निर्माता ने अंततः फिल्म नही बनाई थी. बाद में उन्होंने निर्देशक वसुंथ के बेटे रितविक वरुण और विक्रम के भतीजे के साथ एक फिल्म की योजना बनाने के लिए आगे बढ़े, लेकिन शूटिंग शुरू नहीं हो सकी.

2018 में, भारथिराज November 8, Iravu 8 Mani की एक फिल्म पर काम कर रहे हैं, जो कि विधार्थ अभिनीत हैं.

अवार्ड्स (P. Bharathiraja Awards)

इन्होंने अभी तक 6 नेशनल, फिल्म फेयर अवार्ड, 4 दक्षिणी फिल्म अवार्ड, दो तमिलनाडु फिल्म अवॉर्ड जीत चुके हैं.

फिल्म इंडस्ट्री में इनके अभूतपूर्व योगदान को देखते हुए सन 2004 में भारत सरकार ने भारत का चौथा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पद्मश्री से इन्हें सम्मानित किया.

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