कवि कुंवर बेचैन का जीवन परिचय, रचनाएँ
Kunwar Bechain (Poet) Biography, Quotes, Shayari, Sahityik Parichay, Awards, Gazal In Hindi
कुंवर बेचैन जी हिंदी के प्रमुख कवि हैं. ये अपनी कविता, गजलों व गीतों के जरिये सालो से लोगों के बीच एक खाश रिश्ता बनाते आये हैं. इन्होने आधुनिक ग़ज़लों के माध्यम से आम आदमी के दैनिक जीवन का वर्णन किया है.

कुंवर बेचैन का जीवन परिचय | Kunwar Bechain Biography In Hindi
कवि कुंवर बेचैन जी गजल लिखने वालें रचनाकारों में से एक प्रमुख गजलकार और संगीतकार हैं. लगभग 50 वर्षों से देश – विदेश के सैंकड़ों कवि सम्मेलनों में अपनी छवि बनाने वाले कवि कुंवर बेचैन जी का जन्म 1 जुलाई सन 1942 में जिला मुरादाबाद चंदोसी उत्तर – प्रदेश में हुआ था. इनका पूरा नाम कुंवर बहादुर सक्सैना था. इनके पिता जी का नाम श्री नारायणदास सक्सैना और माता का नाम श्री मति गंगादेवी था.
बिंदु (Points) | जानकारी (Information) |
नाम (Name) | कुंवर बहादुर सक्सैना |
उपनाम | कुंवर बेचैन |
जन्म (Date of Birth) | 1/04/1942 |
आयु | 78 वर्ष (2020 तक) |
जन्म स्थान (Birth Place) | मुरादाबाद चंदोसी, उत्तरप्रदेश |
पिता का नाम (Father Name) | नारायणदास सक्सैना |
माता का नाम (Mother Name) | गंगादेवी |
पत्नी का नाम (Wife Name) | ज्ञात नहीं |
पेशा (Occupation ) | लेखक, कवि, संगीतकार |
लेखन | ज्ञात नहीं |
भाई-बहन (Siblings) | एक बहन |
अवार्ड (Award) | हिंदी गौरव सम्मान, साहित्यक भूषण पुरस्कार |
बचपन में 2 वर्ष की आयु में ही इनके माता – पिता का साया इनके ऊपर से उठ गया था. इस घटना के बाद इनका पालन – पोषण बहिन – बहनोई के यहाँ पूरा हुआ. जब ये 9 वर्ष के हुए थे तब इनकी बहिन का भी सन 1979 ई. में निधन हो गया था. इनका प्रारम्भिक जीवन विपदाओं से भरा हुआ था. इनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव रहें.
- शिक्षा
इन्होने शिक्षा में एम. काम., एम. ए., पीएच. डी. ग्रहण की. इनकी शिक्षा चंदोसी, मुरादाबाद उत्तर – प्रदेश में ही रहकर संपन्न हुई.
- कार्य क्षेत्र
1995 से 2001 तक एम .एम एच. पोस्टगैजुएक्ट कालेज गाजियाबाद में हिंदी विभाग में अध्यापन किया और बाद में हिंदी विभागाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हुए. वर्तमान में कुंवर बेचैन जी एक स्वतंत्र लेखक के रूप में हम सभी के बीच उपस्थित हैं.
- काव्य संग्रह –
कुंवर बेचैन जी को कविता लिखने का शौक बचपन से ही था पर इनके गाँव में बिजली की सुविधा नहीं थी. इसलिए ये स्ट्रीट लाईट की धीमी रौशनी में खड़े होकर कवितायेँ लिखा करते थे.
कुंवर बेचैन की रचनाएँ
इनकी कुछ प्रमुख रचनायें निम्नलिखित हैं –
- 9 गीत संग्रह
- 15 गजल संग्रह
- 2 कविता संग्रह
- 1 दोहा संग्रह
- 2 उपन्यास
- 1 महाकाव्य
- 1 सैद्धांतिक पुस्तक
- कुल मिलाकर इन्होने 150 पुस्तकों की रचना की है.
इसके अलावा ये एक चित्रकार के रूप में भी जाने जाते हैं. जिनकी प्रदर्शनियां भी लगाईं जा चुकी हैं. इनके द्वारा गायी गई गज़लों की भी कैसेट और सी .डी भी बनी हैं, जो आज भी लोगों का मनोरंजन करती हैं. इसके साथ ही आकाशवाणी और टी .वी .चैनलों के माध्यम से इनकी हिंदी फीचर फिल्म, सीरियलों में गीत लेखन भी उपलब्ध हैं.
- विदेश यात्रा
कुंवर बेचैन जी ने कई विदेशी यात्रा भी की हैं. वे रुश, सिंगापुर, दुबई, हालैंड, फ़्रांस,जर्मन आदि देश जा चुके हैं. वहाँ पर उन्हें विभिन्न सम्मानों के माध्यम से सम्मानित भी किया जा चुका है.
सम्मान | Kunwar Bechain Awards
कुंवर जी को देश-विदेश की लगभग 250 संस्थाओं ने सम्मानित किया है. उत्तर प्रदेश के हिंदी संस्थान द्वारा 50 हजार का साहित्यक भूषण पुरस्कार तथा 2 लाख का हिंदी गौरव सम्मान, मुंबई की परिवार संस्था द्वारा 51 हजार का परिवार पुरस्कार आदि प्राप्त कर चुके हैं.
कुंवर बेचैन कोट्स | Kunwar Bechain Quotes
इनके कुछ प्रमुख कोट्स इस प्रकार हैं, जिनमें उन्होंने अपने भावों को प्रकट किया है –
सभी के काम में आएँगे वक़्त पड़ने पर,
तू अपने सारे तजुर्बे ग़ज़ल में ढाल के चल.
बस उसी दिन से ख़फ़ा है वो मेरा इक चेहरा,
धूप में आईना इक रोज दिखाया था जिसे.
चमन में तितलियाँ हों या की भंवरे, रहना पड़ता है,
इन्ही फूलों, इन्ही तीख़े नुकीले तेज़ खारों में.
हम तुम्हारे हैं ‘कुँअर’ उसने कहा था इक दिन,
मन में घुलती रही मिसरी की डली मीलों तक.
इसे भी पढ़े :