सप्तक्षेत्र यात्रा : हिन्दूओं के 7 पवित्र क्षेत्र | Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

हिन्दू धार्मिक मान्यताओं और कहानियों के अनुसार सबसे पवित्र क्षेत्र (सप्तक्षेत्र) की जानकारी | 7 Holy Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindu Religion in Hindi

पुराणों में ऐसे अनेकों क्षेत्र बताए गए है. जो सप्तक्षेत्र के नाम से जाने जाते है. जिनमें से सात प्रमुख क्षेत्र हैं. सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है जो पृथ्वी के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है, परन्तु इसके इतिहास के बारे में सभी विद्वानों की राय अलग-अलग हैं. आधुनिक इतिहासकार हड़प्पा संस्कृति के पुराने अन्वेषणों के आधार पर इस धर्म को कई हज़ार वर्ष पुराना मानते है. धर्म के बिना जीवन संभव नहीं है, धर्म बिना जीवन यानि बिना आक्सीजन के जीवन के समान हैं. सृष्टि और निर्वाह की प्रक्रियाओं के बाद भी धर्म की अवधारणा स्थिर है. हिंदू धर्म का कोई अंत नहीं है.

हिन्दूओं के सप्तक्षेत्र स्थान (Sapta Kshetra of Hinduisms)

1. कुरुक्षे‍त्र

महाभारत व कई अन्य पुराणों में कुरुक्षेत्र के बारे में बताया गया है इसके अनुसार कुरुक्षेत्र में आकर हर कोई पाप से मुक्त हो जाता हैं. हर कोई चाहता हैं कि वो कुरुक्षेत्र में जा पाए और अपने पापो से मुक्त हो जाए. कुरुक्षेत्र एक ऐसा मार्ग है जहाँ हर पापी अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करता है.

महाभारत के अनुसार कौरवों और पांडवों के पूर्वज राजा कुरु थे और इन्ही नाम पर शहर का नाम कुरुक्षेत्र रखा गया था. इसे कुरुजंगल के नाम से भी जाना जाता है और भागवत में इसे ‘धर्मक्षेत्र’ कहा गया है. यह तथ्य ज्ञात है कि महाभारत का  युद्ध कुरुक्षेत्र की इसी भूमि पर लड़ा गया था. यह पुण्यप्रद क्षेत्र भारत के हरियाणा प्रांत में स्थित है हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र केवल एक शहर नहीं है, बल्कि ‘क्षत्र’ के रूप में एक क्षेत्र है. इस स्थान का धार्मिक महत्व होने के कारण यहां विभिन्न त्यौहार मनाए जाते है.

गीता जयंती कई युगों से कुरुक्षेत्र में मनाई जाती है, इसे ‘कुरुक्षेत्र उत्सव’ कहा जाता है. इस कारण 2016 से ‘अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव’ का आयोजन शुरू किया गया.

इस क्षेत्र का उल्लेख भगवत गीता के पहले श्लोक में मिलता है.

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः।
मामका: पाण्डवश्चैव किम् अकुर्वत संजय ।

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

2. हरिक्षेत्र

हरिक्षे‍त्र जो की हिन्दू धर्मं का प्रमुख क्षेत्र है इसका उल्लेख वराह पुराण में किया गया है. यहां पर कभी महर्षि पुलस्त्य और राजा आदिभरत ने तपस्या की थी इसलिए इसे पुलहाश्रम भी कहा जाता है. इसके अलावा यहाँ पर 4 नदियों का संगम है- गंगा, सरयू, सोन तथा गंठकी और यह क्षेत्र पटना के पास स्थित है.

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

3. प्रभास क्षेत्र

यह हिन्दुओं का सबसे पवित्र स्थान है. यह द्वारिका नगरी से थोड़ी दूर उत्तर दिशा में सौराष्‍ट्र में स्थित है. स्कंदपुराण में इस क्षेत्र का महत्त्व बताया गया है. यहाँ पर चन्द्रमा ने दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्त होने के लिए तपस्या की थी. यदुवंशियों तथा वृन्दावन की गोपियों का यह प्रमुख तीर्थ माना जाता है. यहां का गोपीचंदन सबसे अधिक प्रसिद्ध है.

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

4. भृगुक्षे‍त्र

यह प्रभास क्षेत्र के दक्षिण में स्थित है जो कि नर्मदा और समुंद्र के संगम पर बना है. आजकल इसे भड़ोच के नाम से जाना जाता हैं. प्राचीन काल में इस क्षेत्र का नाम जम्बूमार्ग था. यहां पर एक भृग्वीश्वर नामक शिवलिंग है जो सबसे प्रसिद्ध है. यह नर्मदा के तट पर भास्कर और द्वादशादित्य तीर्थों के पास स्थित है. इस क्षे‍त्र में करीब 55 प्रमुख तीर्थ हैं. महर्षि भृगु ने यहाँ दीर्घकालीन तपस्या की थी इसी कारण इसका नाम भृगुक्षेत्र पडा. इसके अलावा यह महर्षि जमदग्नि और परशुरामजी की भी तप स्थली रही है.

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

5. पुरुषोत्तम क्षेत्र

पुराणों के अनुसार पुरुषोत्तम क्षेत्र को सबसे पवित्र बताया गया है. इसे जगन्नाथ धाम भी कहा गया है जो की चार धाम में से एक है. चार धाम के वर्णन में इसका विस्तृत वर्णन किया गया है. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु बद्रीनाथ धाम में जाकर स्नान करते हैं और पश्चिम दिशा में गुजरात के द्वारिका में वस्त्र पहनते हैं. पुरी में भोजन करते हैं और रामेश्‍वरम में विश्राम करते हैं. यहां भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं.

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

6. नैमिषक्षेत्र

यह उत्तर प्रदेश से लगभग 40 किलोमीटर दूर पूर्व की ओर स्थित है. इसे आदितीर्थ के नाम से भी जाना जाता है. यह यम्भुव मनु और शतरूपा की तपोभूमि है. नैमिष क्षे‍त्र की परिक्रमा 84 कोश की है और सबसे लम्बी है. महाभारत के अनुसार युधिष्ठिर और अर्जुन ने इस तीर्थ की यात्रा की है. इसका एक श्लोक है.

तीरथ वर नैमिष विख्याता ।
अति पुनीत साधक सिधि दाता ।।

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

7. गया क्षेत्र

यह क्षेत्र बिहार राज्य के बोध गया में स्थित हैं. हिन्दू धर्म में पितरो की मुक्ति के लिए इस क्षेत्र में पिंडदान का बहुत महत्त्व हैं. इस क्षेत्र का नाम बाद में बोधगया पड़ा. क्योंकि इसी जगह पर एक पीपल के वृक्ष के नीचे भगवान् बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी. वायुपुराण, पद्मपुराण तथा अग्नि पुराणों में गया क्षेत्र का विवरण और महत्त्व बताया गया हैं.

Places of Sapta Kshetra Yatra in Hindi

इसे भी पढ़े :

Leave a Comment